शुभ कार्य के प्रारम्भ में सर्वप्रथम गणेश या गणपति जी को पूजा जाता है। श्री गणेश ज्ञान, वैभव एवं सुख-समृद्धि के दाता हैं। जो भी बाप्पा को सच्चे मन से पूजता है उसके सभी संकट दूर होते हैं और उनकी कृपा सदैव हम पर बानी रहती है।
प्रभु की पूजा करने के लिए आप उनकी तस्वीर घर में रख सकते हैं। परन्तु यदि आप गणेश जी की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं तो आपको इन ३ बातों का पालन करना आवश्यक है।
घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने से गणेश जी की असीम कृपा आप और आपके परिवार पे सदैव रहती है। वास्तु शास्त्र में भी गणेश जी की मूर्ति की स्थापना अति शुभ बताया गया है। यदि आपने अभी तक ऐसा नहीं किया है तो आप इस शुभ कार्य को अब पूर्ण कर सकते हैं। इससे पहले आप निन्मलिखित 3 वास्तु सम्भंदित बातों को अवश्य पढ़ें।
आप सभी जानते हैं की कोई भी शुभ कार्य करते समय हमारा मुख उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। ऐसे ही गणेश जी की मूर्ति भी हमें उत्तर-पूर्व दिशा में ही स्थापित करनी चाहिए। आप अपने घर में किसी धातु के, मार्बल के अथवा हल्दी के गणेश जी की मूर्ति स्थापित क्र सकते हैं। मूर्ति आप किसी पंडित से पूरी विधि से ही कराएं अथवा आपको कोई लाभ नहीं होगा।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कोई भी शुभ काम दक्षिण दिशा में नहीं करना चाहिए। इससे हमारे कार्य पूर्ण नहीं होंगे। यदि आप गणेश जी की मूर्ति घर में स्थापित कर रहे हैं तो दक्षिण दिशा कभी न चुनें।
गणेश जी सुख-समृद्धि का प्रतीक हैं। उनके घर में होने से शांति बानी रहती है। गणेश जी को हम मंगलमुखी भी मानते हैं। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि गणेश जी का मुख जहाँ होता है वहां सदैव वैभव बना रहता है। परंतु उनके पीछे दुःख और गरीबी का प्रतीक मानते हैं। इसलिए जहाँ भी उनकी मूर्ती हो, उनके सामने घर का दरवाज़ा और उनके पीछे दीवार होना आवश्यक है।
यह तो कुछ मुख्या बातें थीं। इसके साथ जो कुछ साधारण सी बातें हैं जो हमेशा ध्यान रखनी चाहिए वो ये हैं की मंदिर सदैव स्वच्छ एवं साफ़ हो, जहाँ भी तस्वीर या मूर्ति स्थापित हो वहां गन्दगी न फैलाएं।
गणेश जी की मूर्ति आप निचे दी गयी फोटो पे क्लिक करके खरीद सकते हैं। गणपति जी आपके और आपके परिवार की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें।