राम राम जय जय श्री राम
राम राम जय जय श्री राम
राम राम जय जय श्री राम
राम राम जय जय श्री राम
लंबा था बनवास राम का
लेकिन यह विश्वास राम का
सच की तप की जय होती है
धैर्य तपा मन ही मोती है
आती है बाधाएं आए
जितना रोके और डराए
जिसने व्रत संकल्प लिया है
आंधी में भी जला दिया है
जग कर दूर करे अंधियारा
हर छल हर षड्यंत्र है हारा
अच्छाई सच्चाई जीते की
घर घर दीप जले हर शाम मनाओ दिवाली
अवध में लौटे हैं श्री राम मनाओ दिवाली
बने हैं सबके बिगड़े काम मनाओ दिवाली
अवध में लौटे हैं श्री राम मनाओ दिवाली
राम राम जय जय श्री राम
राम राम जय जय श्री राम
राम राम जय जय श्री राम
राम राम जय जय श्री राम
वन वन घूम देश को बांधा
दीन दुखी को देकर कांधा
तप से शट अभिमान मिटाकर
सीता को सम्मान दिलाकर
जमी शिला को शाप मुक्त कर
कितने पत्थर प्राण युक्त कर
सेतु बांध कर लक्ष्य साध कर
युद्ध जीत कर पाप नाश कर
हो पूरा करके वचन पिता का
लहरा करके विजय पताका
वापस आए अपनी नगरी
सजा है पूरा रघुवर धाम मनाओ दिवाली
अवध में लौटे हैं श्रीराम मनाओ दिवाली
बने है सबके बिगड़े काम मनाओ दिवाली
अवध में लौटे हैं श्रीराम मनाओ दिवाली
केवट की भी नौका तारी
शबरी की जूठन स्वीकारी
जो जिसका है उसे दिला कर
शिव में मिलकर बन रामेश्वर
आज हृदय आनंद भरा है
पुलकित अंबर और धरा है
दशो दिशाएं सुर में गाती
स्वागत में आतुर हर शती
बाहे खोल खड़ी है माए
आंजनेय भी साथ है आए
प्रभु का ऐसा हो अभिषेक की
उनका राज रहे अभिराम मनाओ दिवाली
अवध में लौटे है श्रीराम मनाओ दिवाली
बने है सबके बिगड़े का मनाओ दिवाली
अवध में लौटे है श्रीराम मनाओ दिवाली
राम राम जय जय श्री राम
राम राम जय जय श्री राम
राम राम जय जय श्री राम
राम राम जय जय श्री राम